धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज | Sambhaji Maharaj History

Tuesday, 21 August 2018

धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज | Sambhaji Maharaj History


धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज | Sambhaji Maharaj History



Sambhaji Maharaj – संभाजी भोसले मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी पहली पत्नी सईबाई के बड़े बेटे थे। अपने पिता की मृत्यु के बाद वे उनके राज्य के वारिस थे। संभाजी राजे का साम्राज्य ज्यादातर हमें मुघलो और मराठाओ के युद्ध के बिच ही दिखाई देता है, बचपन से ही वे मुघल साम्राज्य के विरुद्ध थे। उनका साम्राज्य मुग़ल, सिध्दि, मैसूर और पुर्तगाल के बिच फैला था।

संभाजी महाराज का इतिहास | Sambhaji Maharaj History

संभाजी महाराज का जन्म शिवाजी पुरंदर किले पर हुआ था। जब संभाजी 2 साल के थे तभी उनकी माता का देहांत हो गया था। और उनकी दादी जीजाबाई ने उनका पालनपोषण किया। 9 साल की आयु में ही संभाजी राजे को अम्बेर के राजा जय सिंह के साथ रहने के लिये भेजा गया, ताकि वे मुघलो द्वारा 11 जून 1665 की धोखेबाजी को जान सके और उनके राजनैतिक दावों को समझ सके।
संभाजी महाराज ने राजनैतिक समझौते के चलते जीवूबाई से विवाह कर लिया और मराठा रीती रिवाजो के अनुसार उन्होंने उनका नाम येसुबाई रखा।

Powada (Sambhuji) Sambhaji Maharaj

देश धरम पर मिटने वाला। शेर शिवा का छावा था ।।
महापराक्रमी परम प्रतापी। एक ही शंभू राजा था ।।
तेज:पुंज तेजस्वी आँखें। निकलगयीं पर झुकी नहीं ।।
दृष्टि गयी पर राष्ट्रोन्नति का। दिव्य स्वप्न तो मिटा नहीं ।।
दोनो पैर कटे शंभू के। ध्येय मार्ग से हटा नहीं ।।
हाथ कटे तो क्या हुआ?। सत्कर्म कभी छुटा नहीं ।।
जिव्हा कटी, खून बहाया। धरम का सौदा किया नहीं ।।
शिवाजी का बेटा था वह। गलत राह पर चला नहीं ।।
वर्ष तीन सौ बीत गये अब। शंभू के बलिदान को ।।
कौन जीता, कौन हारा। पूछ लो संसार को ।।
कोटि कोटि कंठो में तेरा। आज जयजयकार है ।।
अमर शंभू तू अमर हो गया। तेरी जयजयकार है ।।
मातृभूमि के चरण कमलपर। जीवन पुष्प चढाया था ।।
है दुजा दुनिया में कोई। जैसा शंभू राजा था? ।।

“छत्रपती संभाजी महाराज की जय “








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