धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज | Sambhaji Maharaj History
धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज | Sambhaji Maharaj History
संभाजी महाराज का इतिहास | Sambhaji Maharaj History
Powada (Sambhuji) Sambhaji Maharaj
महापराक्रमी परम प्रतापी। एक ही शंभू राजा था ।।
तेज:पुंज तेजस्वी आँखें। निकलगयीं पर झुकी नहीं ।।
दृष्टि गयी पर राष्ट्रोन्नति का। दिव्य स्वप्न तो मिटा नहीं ।।
दोनो पैर कटे शंभू के। ध्येय मार्ग से हटा नहीं ।।
हाथ कटे तो क्या हुआ?। सत्कर्म कभी छुटा नहीं ।।
जिव्हा कटी, खून बहाया। धरम का सौदा किया नहीं ।।
शिवाजी का बेटा था वह। गलत राह पर चला नहीं ।।
वर्ष तीन सौ बीत गये अब। शंभू के बलिदान को ।।
कौन जीता, कौन हारा। पूछ लो संसार को ।।
कोटि कोटि कंठो में तेरा। आज जयजयकार है ।।
अमर शंभू तू अमर हो गया। तेरी जयजयकार है ।।
मातृभूमि के चरण कमलपर। जीवन पुष्प चढाया था ।।
है दुजा दुनिया में कोई। जैसा शंभू राजा था? ।।